लेखक : अशर्फी लाल मिश्र
*राजनीतिक निबंध*
1- शूद्र शब्द का प्रयोग केवल संगठनात्मक ढांचा बनाने में
2 - हर ऊंचाई के बाद ढलान
3- शिक्षा में सुधार करना ,लोहे के चना चबाना है
4- प्रत्याशियों की घोषित आय के अनुपात में हो सिक्यॉरिटी मनी
5- सांसदों और विधायकों के लिये अधिकतम आयु निर्धारित की जाए
6- सभी आरक्षण केवल दो बच्चों तक सीमित होने चाहिए
7-सांसदों और विधायकों की निर्धारित हो न्यूनतम शैक्षिक अर्हता
8- अगड़े और पिछड़ों के बीच पिस रहे गरीब
9- स्वर्ण आभूषणों में हालमार्क्स अनिवार्य होना चाहिये
10- दलित शब्द केवल राजनीतिक अस्त्र [1]
11- राजनीतिक शुचिता के अभाव में बढ़ रहा भ्रष्टाचार
12-शिक्षा जगत में भारत
13- जनसंख्या वृद्धि- विकास में बाधक
14--भीमा-कोरेगांव का उत्सव : एक जातीय उन्माद
15 - अब पुरुषों के लिये भी राष्ट्रीय आयोग की जरूरत है
16 - प्राथमिक शिक्षा को सुधारने के लिए अब तक किये गए सारे प्रयास असफल
17 - जातिवाद राजनीति का एक सशक्त अस्त्र
18 - शिक्षा का गिरता स्तर चिन्तनीय
19 - नोटबंदी 2016 : एक साहसिक कदम
20 - केंद्रीय विद्यालयों में होने वालो प्रार्थना राष्ट्रीयता से ओतप्रोत
21 - अगड़े और पिछड़ों के बीच पिसते गरीब
22 -सरल मृदुभाषी राष्ट्रपति : रामनाथ कोविंद
23- विधि वेत्ता : भीमराव रामजी आंबेडकर
24- संसद स्वर्ग है लोकतंत्र में
25- कर्जमाफी एक घटिया राजनीतिक मुद्दा
26- राजनीतिक प्रलोभन
27- विकास बनाम जातिवाद
28- राजनीति में शॉर्ट कट प्रवेश
29- भारतीय राजनीति का बदलता स्वरूप
*ऐतिहासिक निबंध*
1-अजेेेय रानी लक्ष्मीबाई
2 - प्रेम - स्मारक
*सामाजिक निबंध *
1 - स्वच्छता दीर्घ जीवन की कुंजी है
2 - बढ़ते मच्छर और उसके दुष्परिणाम
*अन्य निबंध*
1 - योग जीने की एक कला है (लघुकथा)
2 - अभिवादन में राम राम का सांस्कृतिक महत्व
3 - मीडिया की कमजोरी
4 - लिव इन रिलेशन के कारण टूटते परिवार
5 - योग बुढ़ापे की गति को धीमा करता है
6 - मैं बूढ़ा हूं - एक बुजुर्ग की आत्मकथा
*साहित्यिक निबन्ध *
5- हार और जीत
6 -सीखने की कोई उम्र नहीं होती (आत्मकथा )
7 -वात्सल्य रस के प्रधान कवि : सूरदास
8 - राजवंश से वैराग्य की ओर :मीराबाई
9 - स्वामी हरिदास : हरिदासी सम्प्रदाय के संस्थापक
10-राधावल्लभ सम्प्रदाय के प्रवर्तक : गोस्वामी हितहरिवंश
11- पत्नी परमेश्वरा की परम्परा
6 -सीखने की कोई उम्र नहीं होती (आत्मकथा )
7 -वात्सल्य रस के प्रधान कवि : सूरदास
8 - राजवंश से वैराग्य की ओर :मीराबाई
9 - स्वामी हरिदास : हरिदासी सम्प्रदाय के संस्थापक
10-राधावल्लभ सम्प्रदाय के प्रवर्तक : गोस्वामी हितहरिवंश
11- पत्नी परमेश्वरा की परम्परा
14-श्रीभट्ट
15- कवि गदाधर भट्ट
16-हरिराम व्यास
*राजनीतिक निबंध*
1- शूद्र शब्द का प्रयोग केवल संगठनात्मक ढांचा बनाने में
2 - हर ऊंचाई के बाद ढलान
3- शिक्षा में सुधार करना ,लोहे के चना चबाना है
4- प्रत्याशियों की घोषित आय के अनुपात में हो सिक्यॉरिटी मनी
5- सांसदों और विधायकों के लिये अधिकतम आयु निर्धारित की जाए
6- सभी आरक्षण केवल दो बच्चों तक सीमित होने चाहिए
7-सांसदों और विधायकों की निर्धारित हो न्यूनतम शैक्षिक अर्हता
8- अगड़े और पिछड़ों के बीच पिस रहे गरीब
9- स्वर्ण आभूषणों में हालमार्क्स अनिवार्य होना चाहिये
10- दलित शब्द केवल राजनीतिक अस्त्र [1]
11- राजनीतिक शुचिता के अभाव में बढ़ रहा भ्रष्टाचार
12-शिक्षा जगत में भारत
13- जनसंख्या वृद्धि- विकास में बाधक
14--भीमा-कोरेगांव का उत्सव : एक जातीय उन्माद
15 - अब पुरुषों के लिये भी राष्ट्रीय आयोग की जरूरत है
16 - प्राथमिक शिक्षा को सुधारने के लिए अब तक किये गए सारे प्रयास असफल
17 - जातिवाद राजनीति का एक सशक्त अस्त्र
18 - शिक्षा का गिरता स्तर चिन्तनीय
19 - नोटबंदी 2016 : एक साहसिक कदम
20 - केंद्रीय विद्यालयों में होने वालो प्रार्थना राष्ट्रीयता से ओतप्रोत
21 - अगड़े और पिछड़ों के बीच पिसते गरीब
22 -सरल मृदुभाषी राष्ट्रपति : रामनाथ कोविंद
23- विधि वेत्ता : भीमराव रामजी आंबेडकर
24- संसद स्वर्ग है लोकतंत्र में
25- कर्जमाफी एक घटिया राजनीतिक मुद्दा
26- राजनीतिक प्रलोभन
27- विकास बनाम जातिवाद
28- राजनीति में शॉर्ट कट प्रवेश
29- भारतीय राजनीति का बदलता स्वरूप
31 -जनतांत्रिक मूल्यों में ह्रास
*सांस्कृतिक निबन्ध *
*ऐतिहासिक निबंध*
1-अजेेेय रानी लक्ष्मीबाई
2 - प्रेम - स्मारक
*सामाजिक निबंध *
1 - स्वच्छता दीर्घ जीवन की कुंजी है
2 - बढ़ते मच्छर और उसके दुष्परिणाम
*अन्य निबंध*
1 - योग जीने की एक कला है (लघुकथा)
2 - अभिवादन में राम राम का सांस्कृतिक महत्व
3 - मीडिया की कमजोरी
4 - लिव इन रिलेशन के कारण टूटते परिवार
5 - योग बुढ़ापे की गति को धीमा करता है
6 - मैं बूढ़ा हूं - एक बुजुर्ग की आत्मकथा
7-- मिश्र बैजेगांव
*--आत्मकथा /जीवनी *
*-रिपोर्ताज
© अशर्फी लाल मिश्र
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